
Noida Twin Tower
Noida Twin Tower : नोएडा की सुपरटेक जुड़वा टावर 28 अगस्त को गिराया जाएगा सुप्रीम कोर्ट ने दिए आदेश
पहले इस जुड़वा टावर को 21 अगस्त को गिराया जाना था लेकिन किसी कारणवश 1 सप्ताह का और समय दिया गया है जो कि 28 अगस्त को गिराया जाना है
आज की सर्जिकल में हम बात करने जा रहे हैं ट्विन टावर से जुड़ी जानकारियों के बारे में तो चलिए जानते हैं टावर क्यों बनाया गया थ

जुड़वा टावर का निर्माण कब किया गया था
उत्तर प्रदेश नोएडा प्राधिकरण ने 2006 में सुपरटेक बिल्डर को 17.29 एकड़ जमीन यानी लगभग 70000 वर्ग किलोमीटर जमीन आवंटित की थी। यह जमीन उत्तर प्रदेश के नोएडा के 93 सेक्टर में दिया गया था। इस सेक्टर में एमराल्ड कोर्ट ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट के तहत 15 टावरों का निर्माण करना था हर एक टावर लगभाग 11 मंजिल की थी लेकिन । 2009 में नोएडा अथॉरिटी के पास सुपरटेक बिल्डर्स ने एक रिवाइज्ड प्लान जमा करवाया जिसके तहत दो टावरों का निर्माण कराया जाना था जिसका नाम अपेक्स और सियान था दोनों टावर में तकरीबन 24 फ्लोर बनाए जाने थे लेकिन 24 फ्लोर की जगह 40 प्लस बना दिया गया। जिसमें तकरीबन 857 फ्लैट बना दिए गए।
सुपरटेक ने की थी सुप्रीम कोर्ट में याचिका
सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट में डाली थी याचिका लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए इस बिल्डिंग को गिराए जाने का आदेश दिया था।
गिराए जाने का कारण
इन दोनों टावरों में लगभग 600 फ्लैट बुकिंग करा दी गई लेकिन यहां के कुछ रहने वाले फ्लैट मालिकों ने कंपनी पर केस कर दिया। फ्लैट मालिकों का कहना था कि इस बिल्डिंग का निर्माण उचित ढंग से नहीं करवाया गया है। और उन्होंने एक याचिका दाखिल कर दी इस याचिका की सुनवाई के दौरान इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 11 अप्रैल 2014 को दोनों टावरों को गिराने का आदेश दिया था ।
किस कंपनी को दी गई है गिराने की जिम्मेदारी
इस बहुमंजिला इमारत को गिराने की जिम्मेदारी एडिफिस इंजीनियरिंग को दी गई है एडिफिस केरल की कोचिंग में भी अदालत के आदेश पर पर्यावरण के अवहेलना करके बनाए गए बहुमंजिला इमारत को गिराया था। यह दिल्ली और दिल्ली एनसीआर का पहला ऐसा मामला होगा जहां अवैध इतनी बड़ी बहु मंजिला इमारत को गिराया जाएगा और वह भी विस्फोटकों के द्वारा।
जुड़वा टावरों में विस्फोट लगाने के लिए दिए थे आदेश
सुपरटेक कंपनी ने 1 अगस्त को ट्विन टावरने के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दोबारा याचिका डाली थी जिस्को न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने अपील को खारिज करते हुए 5 लाख का जुर्माना लगाया और बेमतलब का याचिका बताया इस सुपर टेक टावर के अलग-अलग फ्लोर पर कम से कम 37 किलो विस्फोटक को लगभग 10 हजार छेद करके हरएक सुराग में भरा गया है।
अगर टावर में गिराने में होती है देरी
अगर टावर गिराने में कोई भी देरी होती है तो 29 अगस्त से 4 सितंबर तक का समय सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने ग्राहकों को 12 प्रतिशत ब्याज के साथ पैसे लौटाने का दिया आदेश
2021 में एक सुनवाई के दौरान इलाहाबाद कोर्ट ने फ्लोर मालिकों को 12% ब्याज के साथ पूरा पर पैसा लौटाने का दिया था आदेश दिल्ली और दिल्ली एनसीआर की बड़ी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने नोएडा में एमेरल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के इन जुड़वा टावर गिराने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर अपनी मुहर लगा दी थी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में तल्ख टिप्पणी देते हुए इस निर्माण को अवैध बताया था।