
Machu picchu History in Hindi
Machu picchu History in Hindi
माचू पिच्चू का इतिहास और संस्कृति तथा इस से जुड़े कुछ रोचक जानकारी।

Machu picchu / माचू पिच्चू दक्षिण अमेरिका के पेरू में स्थित एंडीज पर्वतों के बीच में बसा हुआ हैं। यह खंडहर एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत है।जो माचू पिचू कहलाते हैं। माचू पिच्चू का वास्तविक अर्थ होता हैं पुरानी चोटी जिसका संबंध इंका सभ्यता से हैं।
माचू पिच्चू दुनिया के सात अजूबों में से एक हैं।

माचू पिच्चू की जानकारी Machu Picchu Information in Hindi
यह अमेरिका के कुज्को से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर उत्तर पश्चिम में स्थित हैं। माचू पिच्चू को लॉस्ट सिटी यानी खोया हुआ शहर भी कहा जाता हैं। माचू पिच्चू पेरू के उरूबांबा नामक घाटी में स्थित हैं। इस घाटी से उरूबाम्बा नामक नदी भी बहती हैं। यह समुंद्र तल से 2430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। दुनियां में स्थित सात अजूबोंमें सामिल इस स्थान की खोज अमेरिका के इतिहास कार और पुरातात्विक खोजकर्ता। हिरम विंघम ने 1911 में की थी। माचू पिच्चू एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है।1983 में यूनेस्को ने इसे दुनिया के धरोहर स्थलों में सामिल कर लिया।
Machu Picchu History in Hindi – माचू पिच्चू का इतिहास
माचू पिच्चू इंका सभ्यता से जुड़ा हुआ हैं। यहाँ इंका सभ्यता से जुड़े हुऐ लोग निवास करते थे ।यह समुद्र तल से लगभग 2430 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हैं। यह ऐतिहासिक स्थल सेकेंडरी घाटी के पर्वतों के टीले पर बसाया हुआ हैं। जहां से उरूबम्बा नदी निकलती है। माचू पिच्चू को 14वी सताब्दी में बसाया गया था। दो महान इंका शासक पंचक्युटेक इंका (1438-71) और तुपक यूपनक्वि (1472-93) शाहेरानी के शासन काल में इसका निर्माण हुआ था। लेकिन इसके सौ साल बाद 1572 में स्पेनिश ने इंका को जीत लिया। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह है की माचू पिच्चू की राजधानी कस्को से 80 किलोमीटर पर स्थित इस स्थान के बारे उन्हें कभी भी पता नहीं चला।
माचू पिच्चू के खोजकर्ता -Machu picchu History in Hindi
इस स्थान को अमेरिका के इतिहासकार हिरम बिंघम ने 1911 में दुनिया को बताया । बिंघन के अनुशार स्थनीय लोग इस से परिचित थे। लेकिन बाहरी दुनिया के लिए रहस्यमई था। बिंघम ने इस स्थान को ” द लॉस्ट सिटी ” का नाम दिया।
माचू पिच्चू का रहस्य – Machu picchu History in Hindi
माचू पिच्चू इतना रहस्यमई है।की आज तक इसे कोई भी समझ नही पाया हैं। इस का निर्माण क्यों कराया गया था। इसके पीछे क्या वजह थी। क्यों की कोई भी लिखित दस्तावेज नहीं मिला है। इसलिए इसे समझने में और ज्यादा मुस्किल हैं। आखिर लोगो ने इसे वीरान क्यों छोड़ दिया और रातों रात कहा चले गए। यहां पर इतने सारे कंकाल कहा से आए । इन सब पहलुवो के जवाब ढूढना बहुत ही मुश्किल है। कई लोगो का मानना है की इतना सुंदर आर्किटेक्चर इंसान बना ही नही सकते । इसे दूसरे ग्रह से आए हुए लोगो ने बनाया होगा यानी एलियंस ने । यहां महिलाओं और पुरुषों के दोनो के कंकाल मिले है।
इस जगह को छोटे छोटे पत्थरो से बनाया गया है। और बिना चुने के प्रयोग के इसे चिपकाया गया हैं।माचू पिच्चू के सबसे प्रसिद्ध सूर्य मंदिर है। जिसमे इतिहुआतना पत्थर सामिल हैं।

माचू पिच्चू एक विश्व धरोहर – Machu picchu History in Hindi
इसे सन 1983 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहरों में शामिल कर लिया। और सन 2007 में इसे दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल कर लिया गया।
पर्यटक स्थल – Machu picchu History in Hindi
इसमें इतना रहस्य छुपा हुआ हैं कि लोग इसे जानने को बेताब रहते हैं। लगभग हर वर्ष यहां लाखो लोग इसे देखने आते है। यहां आना बहुत आसान है। आप किसी भी वाहन से यहां पहुंच सकते हैं।
माचू पिच्चू से जुड़े हुई तथ्य – Machu Picchu Facts – Machu picchu History in Hindi
Machu picchu History in Hindi पेरू में भूकंप आते रहते है। लेकिन माचू पिच्चू पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं । इसे इस तरह से बनाया गया हैं। की जब भूकंप आते है तो इसके सारे पत्थर हिलते हैं।
माचू पिच्चू का अर्थ होता है पुरानी चोटी – Machu picchu History in Hindi
पहाड़ी के किनारे से गिर न जाए इसके लिए इंका लोगो ने लगभग 600 छतों का निर्माण किया था।
माचू पिच्चू को 1450 ईस्वी में बनाया गया था।
इंका लोग QUECHUA ( क्वेशुआ) भाषा में बात करते थे जिसे आज भी यहां के स्थनीय लोग बोलते हैं।
माचू पिच्चू को ग्रेनाइट पत्थरो से बनाया गया है। इसे इस तरह से बनाया गया हैं। की इसमें एक ब्लेड भी घुसाया नहीं जा सकता ।
14वी सताब्दी में यहां लगभग 1000 लोग निवास करते थे।
माचू पिच्चू के लोग एक दूसरे से संपर्क करने के लिए लगभग 18000 मिल तक Communication System और Trails Connection का निर्माण किया था।
पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार मुख्यतः इसे तीन भागो में बाटा गया हैं। प्रथम सुर्य मंदिर ,दूसरा तीन खिड़की वाला दरवाजा , तीसरा इतिहुआताना पत्थर हैं।
माचू पिच्चू में किसी भी फिल्म की सूटिंग करने की अनुमति नहीं हैं।
इसकी खोज अमेरिका का इतिहासकार हीरम बिंघम ने 1911 में की थी।